नई दिल्ली (संतोष कुमार). सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र जल्द ही ट्रस्ट का गठन करेगा। यही ट्रस्ट मंदिर का संचालन भी करेगा। केंद्र ट्रस्ट के जरिए सौहार्द और अनेकता में एकता का संदेश देने पर विचार कर रही है। लेकिन, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) यह हिंदू आस्था के साथ समझौता करना नहीं चाहती। विहिप ने बेहद सतर्क लहजे में कहा कि राम मंदिर का मॉडल और चित्र तैयार हैं। ट्रस्ट को लेकर हमारी सोच भी जगजाहिर है और हमें उम्मीद है कि सरकार ऐसा कोई काम नहीं करेगी, जिससे मुश्किल खड़ी हो।
विहिप किसी मंत्री को प्रतिनिधि बनाने के पक्ष में नहीं
विहिप के उपाध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में लगातार मौजूद रहने वाले चंपत राय ने कहा- गेंद सरकार के पाले में है, लेकिन राम मंदिर को लेकर ट्रस्ट के प्रबंधन में सिर्फ हिंदू धर्म की पूजा करने वाले लोगों को ही शामिल किया जाना चाहिए। विहिप ट्रस्ट के मामले में सरकार की ओर से भी किसी मंत्री को प्रतिनिधि बनाने के खिलाफ है।
राय ने कहा- ट्रस्ट में सरकार का कोई व्यक्ति नहीं आ सकता। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले निर्गुण परंपरा के लोगों को भी ट्रस्ट में नहीं रखना चाहिए। अयोध्या रामानंद संप्रदाय की है और सिर्फ सगुण परंपरा के शैव-वैष्णव को जगह दी जानी चाहिए। राय ने यह बात अयोध्या मामले पर मध्यस्थता करने वाले श्रीश्री रविशंकर को शामिल करने की संभावना कही।
"भगवान राम की पूजा करने वालों को ही ट्रस्ट में जगह दी जाए'
विहिप के उपाध्यक्ष ने कहा- मंदिर के प्रबंधन या पुजारी को लेकर आजीवन रक्त परंपरा को भी जगह नहीं दी जानी चाहिए। अन्य धर्मों के लोगों को ट्रस्ट में जगह देने का सवाल भी नहीं उठता, क्योंकि उन लोगों की हिंदू धर्म आस्था नहीं है। मंदिर के प्रबंधन में सिर्फ भगवान राम की पूजा करने वाले लोगों को ही जगह देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की ओर से ऐसा कोई प्रयास होता है तो अयोध्या में नई समस्या खड़ी हो सकती है, जिसके लिए वह खुद जिम्मेदारी होगी।
राय ने कहा, "सरकार का काम मंदिर बनाना नहीं है, क्योंकि वह धर्मनिरपेक्ष होती है। ट्रस्ट के माध्यम से मंदिर बनाने की पहल सरकार करती है तो उसे फिर मस्जिद भी बनानी पड़ेगी। सरकार तीन महीने में ट्रस्ट बनाएगी। अगर हमें विचार के लिए बुलाया जाएगा तो अपनी राय रखेंगे। जो पत्थर राम जन्मभूमि न्यास ने तैयार किए हैं, उन्हें ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा।
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