जयपुर/मुंबई. महाराष्ट्र में दिनभर सियासी भूकंप के झटके महसूस किए जाते रहे, पर इसका केंद्रजयपुर बना रहा। क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस के 40 विधायक पिछले चार दिनों से जयपुर के एक रिजॉर्ट में ठहरे हुए हैं। इन विधायकों ने शिवसेना को सत्ता के फेर में फंसा दिया है, क्योंकि कुछ विधायक चाहते हैं कि वे सरकार में शामिल हों, जबकि कुछ विधायकों का कहना है कि इस फैसले के लिए पार्टी को कुछ और वक्त लेना चाहिए। इस दौरान दिन में सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने दो बार विधायकों से मोबाइल पर बात की, लेकिन एकराय नहीं बन पाई। यही वजह रही कि कांग्रेस ने शिवसेना को सोमवार शाम 7:30 बजे तक समर्थन का पत्र नहीं सौंप पाई और अब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राकांपा को सरकार बनाने का न्योता दिया है।
पिछले दो दिनों से कांग्रेस विधायकों के साथ महाराष्ट्र कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेताओं ने भी जयपुर में डेरा डाला हुआ था। सोमवार सुबह ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में शामिल होने के लिए महाराष्ट्र कांग्रेस प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रदेशाध्यक्ष बाला साहब थोराट, पृथ्वीराज चव्हाण, सुशील कुमार शिंदे को विशेष विमान से दिल्ली ले जाया गया। जबकि पूर्व सीएम अशोक चव्हाण फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे।
एके एंटनी ने बैठक में कहा- पार्टी को नुकसान होगा
दिल्ली में सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक में एके एंटनी ने कहा कि कट्टरपंथी छवि वाली शिवसेना को समर्थन से नुकसान होगा। इसलिए पहले कुछ शर्तें मनवानी होंगी। ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस के कई नेता नहीं चाहते कि पार्टी हिंदुत्व के चेहरे वाली पार्टी शिवसेना के साथ सीधे जुड़े। इसलिए वह राकांपा को बीच में रखना चाहती है। इनका मानना है कि इससे कांग्रेस को दूसरे राज्यों में भारी नुकसान होगा।
राज्यपाल शिवसेना को वक्त देने से इनकार किया
सोमवार को दिनभर यही दावे किए गए कि राकांपा-कांग्रेस के समर्थन से शिवसेना सरकार बना लेगी। उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनेंगे। शिवसेना के मुख्यालय में लड्डू भी बंट गए। लेकिन, शाम को कांग्रेस ने समर्थन की चिट्ठी ही नहीं दी और शिवसेना के हाथ से सरकार बनाने का मौका छूट गया। उधर, शिवसेना ने राज्यपाल से दो दिन का वक्त मांगा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
अब आगे क्या?
- मंगलवार सुबह 10 बजे सोनिया गांधी महाराष्ट्र के विधायकों के अलावाकुछ और नेताओं से बात करेंगी। तभी तय होगा कि शिवसेना के साथ सरकार बनानी है या नहीं।वहीं, राकांपाका कहना है कि जब तक कांग्रेस कोई फैसला नहीं लेती, हम अंतिम निर्णय नहीं लेंगे। ऐसे में आज का दिन काफी अहम रहेगा।
- कांग्रेस के अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल आज मुंबई पहुंचेंगे। शरद पवार और उद्धव ठाकरे से बात करके न्यूनतम साझा प्रोग्राम, समन्वय समिति और साझेदारी कीशर्तों पर बात करेंगे।
अगर आज भी सरकार नहीं बनी तो...
राज्यपाल नियमानुसार कांग्रेस को न्योता देंगे। लेकिन, अगर उन्हें लगा कि विधायकों की खरीद-फरोख्त हो सकती है तो वे राष्ट्रपति शासन की सिफारिश भी कर सकते हैं।
शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस साथ आए तो बहुमत
कुल सीटें: 288
बहुमत: 145
दल | सीटें |
शिवसेना | 56 |
एनसीपी | 54 |
कांग्रेस | 44 |
कुल | 154 |
निर्दलीय | 9 विधायक साथ होने का दावा |
कुल संख्या बल | 163 |
महाराष्ट्र में अन्य दलों की स्थिति
पार्टी | सीट |
भाजपा | 105 |
बहुजन विकास अघाड़ी | 3 |
एआईएमआईएम | 2 |
निर्दलीय और अन्य दल | 15 |
कुल | 125 |
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