गैजेट डेस्क. राजधानी के अवधपुरी इलाके में रहने वाले अरुण रगासे को उनके मित्र का कॉल आया कि भाभी का स्वास्थ्य कैसा है? अरुण ने कहा कि उनकी तबीयत तो एकदम ठीक है। यह सुनकर उनके मित्र ने कहा कि अभी तो तुम इलाज के लिए पैसे मांग रहे थे। अरुण यह जानकर थोड़े हैरान हुए और पूरा मामला जाना।
तब पता चला कि उनके फेसबुक मैसेंजर से उनके मित्रों को मैसेज जा रहे हैं कि पत्नी की तबीयत खराब है और वह अपोलाे अस्पताल दिल्ली में एडमिट है। इसलिए अकाउंट में 20 हजार रुपए जमा कर दो। कुछ देर बाद दूसरे मित्र का कॉल आया तो साफ हो गया कि अरुण का फेसबुक अकाउंट हैक हो गया है। हैरानी वाली बात यह कि उनका अकाउंट भी उस समय ओपन था, लेकिन मैसेजंर के नोटिफिकेशन बंद होने की वजह से पता ही नहीं चल पाया कि अकाउंट हैक हो गया। ऐसा ही कुछ होशंगाबाद रोड निवासी सुनील कुमार के साथ हुआ। उनका अकाउंट तो दो दिन तक हैक रहा और सैंकड़ों मैसेज उनके नाम पर मित्रों को किए गए। चूंकि सुनील का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता, यह सोचकर करीब सात-आठ मित्रों ने पैसा भी ट्रांसफर कर दिया। लेकिन एक मित्र सुदीप को शंका हुई तो उन्होंने कॉल करके सुनील के हाल चाल जाने।
तब पता चला कि अकाउंट हैक करके इस तरह के मैसेज किए जा रहे हैं। हालांकि सुनील सायबर एक्सपर्ट की मदद से तत्काल अकाउंट रिकवर कर लिया और एक कॉमन मैसेज भेजकर सभी फेसबुक मित्रों को सावधान किया। यह दो मामले महज उदाहरण है, लेकिन इस तरह से दर्जन भर ठगी के मामले बीते एक महीने में सामने आए। सभी मामलों में पासवर्ड बदलते ही अकाउंट रिकवर हो गया। यानि पुराना पासवर्ड होने की वजह से ठगी हुई।
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