गैजेट डेस्क. विशेषज्ञों का कहना है कि इमोजी अब भविष्य की भाषा बनने जा रही है। लोग अब शब्दों का चयन कम कर रहे हैं और इमोजी के माध्यम से भावनाओं का इजहार ज्यादा कर रहे हैं। हालांकि, बच्चों के बीच इसका दुष्प्रभाव भी देखा जा रहा है। इमोजी के इस्तेमाल के कारण उनकी भाषाई पकड़ और व्याकरण कमजोर हो रही है। ब्रिटेन के विवि में अब स्टूडेंट्स कोर्स इमोजी के बारे में भी पढ़ सकेंगे। किंग्स कॉलेज, एडिनबर्ग व कार्डिफ समेत सभी विवि के भाषा, मार्केटिंग, मनोविज्ञान और राजनीति के कोर्स में इसे शामिल किया गया है।
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