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यूटिलिटी डेस्क. सोमवार से लागू हो रहे ट्राई के नए नियम के मुताबिक 6.46 रु. की फीस देकर महज 3 दिन में मोबाइल नंबर पोर्ट हो सकेगा। पात्र ग्राहकों का यूनिक पोर्टिंग कोड (यूपीसी) जेनरेट किया जाएगा। इसके लिए पोस्टपेड ग्राहकों का भुगतान बकाया न होना, कनेक्शन 90 दिन तक पुराना होना जरूरी होगा।
5 दिन के अंदर हो जाएगी सिम पोर्ट
ट्राई के एक अधिकारी के अनुसार नई व्यवस्था लागू होने के बाद अगर कोई व्यक्ति एमएनपी कराता है तो इसकी प्रक्रिया 2 कामकाजी दिवस में पूरी होगी। वहीं एक सर्किल से दूसरी सर्किल के लिए नंबर पोर्टेबिलिटी के आग्रह को 5 दिन में पूरा किया जाएगा। फिलहाल यह प्रक्रिया पूरी होने में 7 दिन का समय लगता है।
पोस्ट पेड बकाए पर लेना होगा ऑपरेटर से प्रमाण
पोस्ट पेड मोबाइल कनेक्शन के मामले में ग्राहक को अपने बकाए के बारे में संबंधित ऑपरेटर से प्रमाण लेना होगा। इसके अलावा मौजूदा आपरेटर के नेटवर्क पर उसे कम से कम 90 दिन तक सक्रिय रहना होगा। लाइसेंस वाले सेवा क्षेत्रों में यूपीसी चार दिन के लिए वैध होगा। वहीं जम्मू-कश्मीर, असम और पूर्वोत्तर सर्किलों में यह 30 दिन तक वैध रहेगा। नई प्रक्रिया के नियम तय करते हुए ट्राई ने कहा कि विभिन्न शर्तों के सकारात्मक अनुमोदन से ही यूपीसी का सृजन तय होगा।
क्या है मोबाइल नम्बर पोर्टेबिलिटी?
मोबाइल नम्बर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) के तहत उपभोक्ताओं को अपना मोबाइल नम्बर बदले बिना सेवा प्रदाता कम्पनी बदलने की सुविधा मिलती है। भारत में यह सेवा 20 जनवरी 2011 को लागू की गई थी। मोबाइल नम्बर पोर्टेबिलिटी के लिए 2 दिन का समय लगता है। अगर कोई ऑपरेटर इससे ज्यादा समय लेता है तो उस पर ट्राई द्वारा 10 हजार रुपय का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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